तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा। तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा।
कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं कह देना मुझे याद नहीं। कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं कह देना मुझे याद नहीं।
मन से बांधो इस राखी को दोस्तो, इससे प्यारा बंधन कोई नहीं है! मन से बांधो इस राखी को दोस्तो, इससे प्यारा बंधन कोई नहीं है!
रक्षाबन्धन ऐसा त्यौहार, दर्शाता भाई बहन का प्यार! रक्षाबन्धन ऐसा त्यौहार, दर्शाता भाई बहन का प्यार!
हिंदी की उपभाषा पोवारी राखी त्योहार के उपलक्ष में बहन की याद में लिखी एक कविता हिंदी की उपभाषा पोवारी राखी त्योहार के उपलक्ष में बहन की याद में लिखी एक कविता
कैसे निभाऊँ रीत, जो उसने बचपन से निभाई कैसे निभाऊँ रीत, जो उसने बचपन से निभाई